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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने एक बार समाजवादी पार्टी (एसपी) पर जमकर निशाना साधा है. मायावती ने कहा कि सपा को उसके पिछले व्यवहार को लेकर कोई माफी नहीं मिल सकती. इस पार्टी का मकसद दलितों का कल्याण और उत्थान कराने की जगह इनका गरीबी, जातिवादी शोषण और अन्याय-अत्याचार खत्म कराने को लेकर भी कोई सहानुभूति या इच्छाशक्ति नहीं है.

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने पोस्ट में कहा, “कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आदि की तरह समाजवादी पार्टी भी बहुजनों में से खासकर दलितों को इनका संवैधानिक हक देकर इनका वास्तविक हित, कल्याण और उत्थान करना तो दूर, इनकी गरीबी, जातिवादी शोषण तथा अन्याय-अत्याचार आदि खत्म करने के प्रति उसमें कोई सहानुभूति या इच्छाशक्ति नहीं है, जिस कारण वे लोग मुख्यधारा से कोसों दूर रहने को मजबूर हैं.”

SP के PDA अभियान पर साधा निशाना

इससे 2 दिन पहले भी मायावती ने समाजवादी पार्टी की PDA अभियान पर निशाना साधा था. तब मायावती ने PDA अभियान के बहाने समाजवादी पार्टी पर दलितों और मुस्लिमों के शोषण का आरोप लगाया. उन्होंने सपा को स्वार्थी राजनीति करने वाली पार्टी बताया और जनता को सतर्क भी किया.

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सपा पर हमला करते हुए कहा, “सपा की ओर से बीएसपी से विश्वासघात, उसके नेतृत्व पर 2 जून को किया गया जानलेवा हमला, प्रमोशन में आरक्षण का बिल संसद में फाड़ना, इनके संतों, गुरुओं और महापुरुषों के सम्मान में बनाए गए नए जिले, पार्क, शिक्षण तथा मेडिकल कालेजों का नाम बदलना आदि ऐसे घोर जातिवादी कृत्य हैं जिसको माफ करना संभव ही नहीं है.”

SP के संकीर्ण राजनीतिक से दूर रहेंः मायावती

अपने पोस्ट के जरिए लोगों को आगाह करते हुए मायावती ने कहा, “जबकि बीएसपी अपने अनवरत प्रयासों से यहां जातिवादी व्यवस्था को खत्म करके समतामूलक समाज अर्थात् सर्वसमाज में भाईचारा बनाने के अपने मिशन में काफी हद तक कामयाब रही है. इन चीजों को समाजवादी पार्टी अपने संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए हर प्रकार से बिगाड़ने में लगी हुई है. लोग इससे जरूर सावधान रहें.”

उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख दलों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा, “यह पूरी तरह से साफ है कि कांग्रेस और बीजेपी आदि की तरह ही सपा भी अपनी नियति तथा नीति में खोट व द्वेष के कारण कभी भी दलितों-बहुजनों की सच्ची हितैषी नहीं हो सकती है, किन्तु इनके वोटों के स्वार्थ की खातिर लगातार छलावा करती रहेगी, जबकि बीएसपी ‘बहुजन समाज’ को शासक वर्ग बनाने को समर्पित और लगातार संघर्षरत रहेगी.

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