कर्नाटक में CET परीक्षा के दौरान स्टूडेंट के जनेऊ उतरवाने पर विवाद छिड़ गया है. पहला मामला शिवमोगा जिले के आदिचुंचनगिरी स्कूल का है जहां कॉमन इंट्रेंस टेस्ट (CET) एग्जाम देने आए तीन स्टूडेंट का जनेऊ उतरवाया गया था. मामला सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद और ब्राह्मण महासभा की तरफ से विरोध दर्ज कराया गया है. जनेऊ उतरवाने वालों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया है.
पूरे मामले पर विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने कहा कि यह हिंदुओं के प्रति घृणा का जीता जागता उदाहरण है. जो लोग हिंदुओं के प्रति घृणा में डूबे हुए हैं, उन्हें जनेऊ के बारे में नहीं पता है. वे इसे जनेऊ को सिर्फ एक धागे के रूप में देखते हैं.
उन्होंने कहा कि मैं उस छोटे बच्चे को सलाम करता हूं जिसने अपनी परीक्षा छोड़ दी, लेकिन अपने धर्म की रक्षा के लिए जनेऊ नहीं छोड़ा. इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए.
कर्नाटक सरकार हिंदू विरोधी- विनोद बंसल
विनोद बंसल ने कहा कि इस मामले पर माफी मांगने या सस्पेंड करने से काम नहीं चलेगा. घटना के पीछे की साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए. इसका साफ मतलब है कि कुछ लोग हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म पर हमला करने का ठेका ले रखा है.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार हिंदू विरोधी सरकार बनती जा रही है. मैं कांग्रेस को चेतावनी देता हूं कि वह इस हिंदू विरोधी मानसिकता से बाहर आए. राज्य के सीएम को तुरंत माफी मांगनी चाहिए. इस बच्चे की परीक्षा के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए. यह घटना भी लोगों को धर्मांतरण की ओर धकेलने की एक कोशिश थी.
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी उठाए सवाल
कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) हुआ था. यहां की सरकार ने कुछ छात्रों से ‘जनेऊ’ उतारने को कहा और एक जगह पर आरोप है कि इसे काटा गया. यह बहुत निंदनीय है. संबंधित प्राधिकारी ने खेद व्यक्त किया है लेकिन उस बच्चे का क्या जिसे परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई? आपको इसका हल खोजना होगा. यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.